परवाझ कर आसमां पे तुं...! परवाझ कर आसमां पे तुं...! खुद को ना छोटा समज...,खुद को ना कमजोर कर... तुज में हैं क्यां कुच नहीं...,हालात से तु ना डर...! आंखो को साधले तुं...,हर लक्ष्य पा जायेगा... मुश्किल भरी राहो में...,मंजिल को पा जायेगा...! है है तुज में वो ताकात...,है है तुज में वो हिम्मत... है है तुज में वो जज्बां...,कुच भी कर जायेगां... है तुज में वो रोशनी...,मिट जायेगा ये अंन्धेरा... ये रात एक रात की...,कल का है तुं संवेरा...! परवाह छोड दे तुं...,ना फ़िक्र तुं कर कभी... परवाझ कर फ़लक पें...,देंखेंगी तुजको जमीं...! है है तुज में वो ताकात...,है है तुज में वो हिम्मत... है है तुज में वो जज्बां...,कुच भी कर जायेगां...! परवाझ कर..., आसमां पे तुं...!
Note:this is not written by me…!
Grasshopper gets the wing?
yes…! 🙂
Nice one
Thanks…!